भाई वो बुद्ध को ईश्वर बोलते थे तो इसमें क्या गलत है ? जो इन्सान आपको सही रास्ता दिखाये वो इन्सान सचमे ईश्वर ही तो है जैसे की हमारे माँ बाप क्या कभी गलत रास्ता बताते है ? नहीं ना ? मेरे मत अनुसार ये गलत नहीं होगा बाकि ज्ञानी लोगोका में दिलसे स्वगात करता जय भीम नमो बुद्धया
Ajat ki bat se me sehmat Hun.buddha g and baba saheb be kabhi khaa ki Meri puja Kro.ya unko bhagwan Kaho.unhone hame jeevan Jine ka Marg bataya or us chalkr logon ka bhala Krna h
यही हम भगवान बुद्ध कहना नहीं छोड़े तो आने वाले कल को ब्रहमण कहेगा की महामना तथागत गौतम बुद्ध भी विष्णु का औतार है तब क्या होगा कभी सोचा है फिर हमारे पूर्वजो का बलिदान बेकार जायेगा और हम वहीकेवही रह जायेंगे
बुध्द ने देववाद से परे होकर मानवतावाद की शिक्षा दी. धर्म की अलग व्याख्या की. जो धर्मांधता से काफी दुर है. अत: आज समस्व संसार को बुध्द चाहिये ... युध्द नही. डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य' अध्यक्ष, डॉ. आंबेडकर आंतरराष्ट्रिय बुध्दीस्ट मिशन मो.न. ९३७०९८४१३८
तथागत बुद्ध ने हमेशा ईश्वरीय सत्ता को नकारा है लेकिन ब्राह्मणवादी ताकतें तथा हिंदूवादी मानसिकता हमेशा तथागत बुद्ध की सम्यक् विचारधारा से भयभीत हो कर उन्हें भगवान का दर्जा दे हिंदू धर्म की विरासत में शामिल करने पर आमादा रही है संभवतः बुद्ध को क्षत्रीय राजकुमार घोषित कर उनको अपनी जमात में शामिल करना मक़सद रहा होगा अगर तथागत क्षत्रीय रहे होते तो बुद्ध धर्म का अनुयायी बड़ी संख्या में यह वर्ग ही होता तथा ब्राह्मणों द्वारा बौद्ध धर्म का पतन करना बहुत मुश्किल होता?
isne isme bhi bramhanwaad ghusade diya....buddha hamesha ishwar ke khilaf the....isme buddha ko hi ishwar bana diya...
ReplyDeleteभाई वो बुद्ध को ईश्वर बोलते थे तो इसमें क्या गलत है ? जो इन्सान आपको सही रास्ता दिखाये वो इन्सान सचमे ईश्वर ही तो है जैसे की हमारे माँ बाप क्या कभी गलत रास्ता बताते है ? नहीं ना ? मेरे मत अनुसार ये गलत नहीं होगा बाकि ज्ञानी लोगोका में दिलसे स्वगात करता जय भीम नमो बुद्धया
ReplyDeleteBilkul sahi keh rahein hai aap
DeleteAjat ki bat se me sehmat Hun.buddha g and baba saheb be kabhi khaa ki Meri puja Kro.ya unko bhagwan Kaho.unhone hame jeevan Jine ka Marg bataya or us chalkr logon ka bhala Krna h
ReplyDeleteSahi hai
ReplyDeleteयही हम भगवान बुद्ध कहना नहीं छोड़े तो आने वाले कल को ब्रहमण कहेगा की महामना तथागत गौतम बुद्ध भी विष्णु का औतार है तब क्या होगा कभी सोचा है
ReplyDeleteफिर हमारे पूर्वजो का बलिदान बेकार जायेगा और हम वहीकेवही रह जायेंगे
बुध्द ने देववाद से परे होकर मानवतावाद की शिक्षा दी. धर्म की अलग व्याख्या की. जो धर्मांधता से काफी दुर है. अत: आज समस्व संसार को बुध्द चाहिये ... युध्द नही.
ReplyDeleteडॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'
अध्यक्ष, डॉ. आंबेडकर आंतरराष्ट्रिय बुध्दीस्ट मिशन
मो.न. ९३७०९८४१३८
विवेकानन्द साहब का कथन कि "भारत के भविष्य के लिए ब्राहमणो को पैरो से कुचलो" किस पेज पर है
ReplyDeleteभारत का भविष्य किताब में है
DeleteRight
ReplyDeleteKripya aur kitabo ka sangrah badte.
ReplyDeleteBahut badiya jab tak hindu dharm me unch neech rahega hindu dharm ka mitna tay hai
ReplyDeleteSwami vivekanadji Samantha ke deshbhakt the j rangari
ReplyDeleteWe should read more about our great person.
ReplyDeleteAkdam shi kha
ReplyDeleteतथागत बुद्ध ने हमेशा ईश्वरीय सत्ता को नकारा है लेकिन ब्राह्मणवादी ताकतें तथा हिंदूवादी मानसिकता हमेशा तथागत बुद्ध की सम्यक् विचारधारा से भयभीत हो कर उन्हें भगवान का दर्जा दे हिंदू धर्म की विरासत में शामिल करने पर आमादा रही है संभवतः बुद्ध को क्षत्रीय राजकुमार घोषित कर उनको अपनी जमात में शामिल करना मक़सद रहा होगा अगर तथागत क्षत्रीय रहे होते तो बुद्ध धर्म का अनुयायी बड़ी संख्या में यह वर्ग ही होता तथा ब्राह्मणों द्वारा बौद्ध धर्म का पतन करना बहुत मुश्किल होता?
ReplyDeleteNice speech
ReplyDeleteRight
ReplyDeleteDileri ke vakyaansh se udhhrat hai ye pustak
ReplyDeleteVery nice speech 👌
ReplyDeleteMind blow
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