Sunday 25 March 2012

भगवान बुद्ध तथा उनका संदेश

21 comments:

  1. isne isme bhi bramhanwaad ghusade diya....buddha hamesha ishwar ke khilaf the....isme buddha ko hi ishwar bana diya...

    ReplyDelete
  2. भाई वो बुद्ध को ईश्वर बोलते थे तो इसमें क्या गलत है ? जो इन्सान आपको सही रास्ता दिखाये वो इन्सान सचमे ईश्वर ही तो है जैसे की हमारे माँ बाप क्या कभी गलत रास्ता बताते है ? नहीं ना ? मेरे मत अनुसार ये गलत नहीं होगा बाकि ज्ञानी लोगोका में दिलसे स्वगात करता जय भीम नमो बुद्धया

    ReplyDelete
  3. Ajat ki bat se me sehmat Hun.buddha g and baba saheb be kabhi khaa ki Meri puja Kro.ya unko bhagwan Kaho.unhone hame jeevan Jine ka Marg bataya or us chalkr logon ka bhala Krna h

    ReplyDelete
  4. यही हम भगवान बुद्ध कहना नहीं छोड़े तो आने वाले कल को ब्रहमण कहेगा की महामना तथागत गौतम बुद्ध भी विष्णु का औतार है तब क्या होगा कभी सोचा है
    फिर हमारे पूर्वजो का बलिदान बेकार जायेगा और हम वहीकेवही रह जायेंगे

    ReplyDelete
  5. बुध्द ने देववाद से परे होकर मानवतावाद की शिक्षा दी. धर्म की अलग व्याख्या की. जो धर्मांधता से काफी दुर है. अत: आज समस्व संसार को बुध्द चाहिये ... युध्द नही.
    डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'
    अध्यक्ष, डॉ. आंबेडकर आंतरराष्ट्रिय बुध्दीस्ट मिशन
    मो.न. ९३७०९८४१३८

    ReplyDelete
  6. विवेकानन्द साहब का कथन कि "भारत के भविष्य के लिए ब्राहमणो को पैरो से कुचलो" किस पेज पर है

    ReplyDelete
    Replies
    1. भारत का भविष्य किताब में है

      Delete
  7. Kripya aur kitabo ka sangrah badte.

    ReplyDelete
  8. Bahut badiya jab tak hindu dharm me unch neech rahega hindu dharm ka mitna tay hai

    ReplyDelete
  9. Swami vivekanadji Samantha ke deshbhakt the j rangari

    ReplyDelete
  10. We should read more about our great person.

    ReplyDelete
  11. तथागत बुद्ध ने हमेशा ईश्वरीय सत्ता को नकारा है लेकिन ब्राह्मणवादी ताकतें तथा हिंदूवादी मानसिकता हमेशा तथागत बुद्ध की सम्यक् विचारधारा से भयभीत हो कर उन्हें भगवान का दर्जा दे हिंदू धर्म की विरासत में शामिल करने पर आमादा रही है संभवतः बुद्ध को क्षत्रीय राजकुमार घोषित कर उनको अपनी जमात में शामिल करना मक़सद रहा होगा अगर तथागत क्षत्रीय रहे होते तो बुद्ध धर्म का अनुयायी बड़ी संख्या में यह वर्ग ही होता तथा ब्राह्मणों द्वारा बौद्ध धर्म का पतन करना बहुत मुश्किल होता?

    ReplyDelete
  12. Dileri ke vakyaansh se udhhrat hai ye pustak

    ReplyDelete